आज तुम्हारी कमी खली है
ये बात दिल से दिमाग तक चली है
कुछ अच्छा नहीं लगता तुम्हे छेड़े बिना
ठीक हो जाओ तुम, मेरी आंखें कुछ नमी हैं
एक-एक पल एक घंटा सा लग रहा है
Bore हो गए हम, समय 'घंटा' कट रहा है
आ जाओ जल्दी तुम्हारी राह में खड़े हैं
ये कुर्सी, ये कंप्यूटर सुषुप्त ही पड़े हैं
उस मुस्कान कि कहानी मेरा मन सुना रहा है
करूँ बात कुछ भी, तुम्हारा नाम आ रहा है
ये जूते, ये चप्पल आज शोर मचा रहे हैं
तुम्हारे साथ बीते, वो करोड़ों पल याद आ रहे हैं ।।
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