माँ...
माँ जीवन की पुस्तक का पहला अध्याय है.
माँ, माँ त्याग और तपस्या का अनूठा पर्याय है.
माँ, माँ उम्र के हर पड़ाव पर मिलने वाली,
किसी भी दुविधा से निपटने का व्यक्तिगत उपाय है.
माँ,
माँ कभी गोद है, कभी नींद है, कभी लोरी है.
माँ ममता की खीर से भारी चाँदी की कटोरी है.
माँ, माँ बुरी नज़र से बचाने वाला काला टीका है,
माँ, माँ आदमी को इंसान बनाने का सुगम सलीका है.
माँ,
माँ हर बुरे सपने से चौकने पर मिलने वाली, कोमल हथेली का थाप है.
माँ, माँ जीवन की हर उलझन से बाहर निकलने का सर्वोत्तम जाप है.
माँ सर्दी की ठिठुरन को दूर करने वाले आलिंगन का ताप है,
माँ, माँ एक नए जीवन को जन्म देने का खुशियों भरा अलाप है.
माँ,
माँ हर घाव को भरने वाली नींम की मीठी पत्ती है,
माँ, माँ निस्वार्थ शब्द की एकमात्र उत्पत्ति है.
माँ, माँ वंदनीय है, सर्वोपरि है, माँ ईश्वर का दूसरा नाम है.
इसलिए आज मातृ दिवस पर दुनिया की हर माँ को मेरा शत शत प्रणाम है.
All Writing.Com images are copyrighted and may not be copied / modified in any way. All other brand names & trademarks are owned by their respective companies.
Generated in 0.06 seconds at 11:09am on Jan 10, 2025 via server WEBX1.