Lyrics of old Hindi film songs, from 1940's onwards, listed alphabetically. |
अ अ अ अंखियाँ मिलाके जिया भरमा के Film: Rattan (1944) Music: Naushad Lyrics: D N Madhok Singer (s): Zohrabai, Karan Deewan Starring: Swarnlata, Vaasti, Karan Deewan, Manju -- http://podcast.hindyugm.com/2010/05/blog-post_13.html?utm_source=feedburner&utm_... (अंखियाँ मिलाके जिया भरमा के चले नहीं जाना, (हो चले नहीं जाना - २) ) - २ जाओ तो जाने ना दूंगी मैं रस्ता रोक लूंगी - २ हो सैंया के पैंय्या पड़ जाऊंगी रोके कहूंगी - २ अखियाँ मिला के ... आहों के बदले आहें लेना जी दगा नहीं देना - २ हां नैन भरे ना रोए रोए दिल ये कहे ना - २ अखियाँ मिला के ... जाने का नाम न लो राजा जी दिल बैठा जाए - २ हां देखो जी देखो दुखी दिल की परे ना हाय - २ अखियाँ मिला के ... ९९९९९९९९ अंखियाँ मिलाके जिया भरमा के चले नहीं जाना जाओ तो जाने ना दूंगी मैं रस्ता रोक लूंगी हो सैंया के पैंय्या पड़ जाऊंगी रोके कहूंगी अखियाँ मिला के ... आहों के बदले आहें लेना जी दगा नहीं देना हां नैन भरे ना रोए रोए दिल ये कहे ना अखियाँ मिला के ... जाने का नाम न लो राजा जी दिल बैठा जाए हां देखो जी देखो दुखी दिल की परे ना हाय अखियाँ मिला के ... अखियों के झरोखों से, मैने देखा जो सांवरे Film: Akhiyon Ke Jharokhon Se ( a 1978 Hindi film loosely based on Erich Segal's popular romantic novel Love Story.) Music: Ravindra Jain Lyrics: Ravindra Jain Singer (s): Hemlata Starring: Sachin, Ranjeeta http://www.youtube.com/watch?v=KqpIIaCJggY --film अखियों के झरोखों से, मैने देखा जो सांवरे तुम दूर नज़र आए, बड़ी दूर नज़र आए बंद करके झरोखों को, ज़रा बैठी जो सोचने मन में तुम्हीं मुस्काए, बस तुम्हीं मुस्काए अखियों के झरोखों से इक मन था मेरे पास वो अब खोने लगा है पाकर तुझे हाय मुझे कुछ होने लगा है इक तेरे भरोसे पे सब बैठी हूँ भूल के यूँही उम्र गुज़र जाए, तेरे साथ गुज़र जाए जीती हूँ तुम्हें देख के, मरती हूँ तुम्हीं पे तुम हो जहाँ साजन मेरी दुनिया है वहीं पे दिन रात दुआ माँगे मेरा मन तेरे वास्ते कहीं अपनी उम्मीदों का कोई फूल न मुरझाए अखियों के झरोखों से ... मैं जब से तेरे प्यार के रंगों में रंगी हूँ जगते हुए सोई रही नींदों में जगी हूँ मेरे प्यार भरे सपने कहीं कोई न छीन ले दिल सोच के घबराए, यही सोच के घबराए अखियों के झरोखों से ... कुछ बोलके ख़्हामोशियाँ तड़पाने लगी हैं चुप रहने से मजबूरियाँ याद आने लगी हैं तू भी मेरी तरह हँस ले, आँसू पलकों पे थाम ले, जितनी है ख़्हुशी यह भी अश्कों में ना बह जाए अँखियों के झरोखों से कलियाँ ये सदा प्यार की मुसकाती रहेंगी ख़्हामोशियाँ तुझसे मेरे अफ़साने कहेंगी जी लूँगी नया जीवन तेरी यादों में बैठके ख़्हुशबू जैसे फूलों में उड़ने से भी रह जाए अँखियों के झरोखों से अंधे जहान के अंधे रास्ते, जाएं तो जाएं कहाँ Film: Patitaa (1953) Music: Shankar-Jaikishan Lyrics: Shailendra Singer (s): Talat Starring: Dev Anand, Usha Kiran, Agha http://www.youtube.com/watch?v=jxnbyaLF4fk&feature=related --film अंधे जहान के अंधे रास्ते, जाएं तो जाएं कहाँ दुनिया तो दुनिया, तू भी पराया, हम यहाँ ना वहाँ जीने की चाहत नहीं, मर के भी राहत नहीं इस पार आँसू, उस पार आहें, दिल मेरा बेज़ुबां अंधे जहान के ... हमको न कोई बुलाए, ना कोई पलकें बिछाए ऐ ग़म के मारों, मंज़िल वहीं है, दम ये टूटे जहाँ अंधे जहान के ... आग़ाज़ के दिन तेरा अंजाम तय हो चुका जलते रहें हैं, जलते रहेंगे, ये ज़मीं आसमां अंधे जहान के ... अगर कोई हमको सहारा न देगा --नर्तकी Film-Nartaki, 1963 Lyrics-Shakil Badayyuni MD-Ravi उषा मंगेशकर cast : sunil dutt, nanda, pritibala http://www.dailymotion.com/video/x7tak6_naartaki-agar-koi-humko-bharatlover_musi... --film अगर कोई हमको सहारा न देगा बता ए ज़माने किधर जाएंगे हम, ये दुनिया अगर हमसे नफ़रत करेगी यकीं है कि घुट घुट के मर जाएंगे हम । अरे ओ मुहोब्बत को ठुकराने वालो हमें भी तो जीने का हक़ है जहाँ में, अगर तुमने राहों में कांटे बिछाए तो इस जि़न्दगी से गुज़र जाएंगे हम । कफ़स तोड़ कर आए थे हम चमन में यहाँ भी हमें बदनसीबी ने लूटा, अगर ग़म ही ग़म हमको देगा ज़माना खुशी ढूंढने किस के घर जाएंगे हम । 99999999999 अगर कोई हमको सहारा न देगा बता ए ज़माने किधर जाएंगे हम, ये दुनिया अगर हमसे नफ़रत करेगी यकीं है कि घुट घुट के मर जाएंगे हम । अरे ओ मुहोब्बत को ठुकराने वालो हमें भी तो जीने का हक़ है जहाँ में, अगर तुमने राहों में कांटे बिछाए तो इस जि़न्दगी से गुज़र जाएंगे हम । कफ़स तोड़ कर आए थे हम चमन में यहाँ भी हमें बदनसीबी ने लूटा, अगर ग़म ही ग़म हमको देगा ज़माना खुशी ढूंढने किस के घर जाएंगे हम । अगर दिल किसी से लगाया न होता Film: Bada Admi (1961) Music: Chitragupt Lyrics: Prem Dhawan Singer (s): Rafi Starring: Sheikh Mukhtar, Vijaya Choudhary, Mukri http://www.youtube.com/watch?v=556wpgJOG3Y --film अगर दिल किसी से लगाया न होता ज़माने ने हमको मिटाया न होता अगर दिल किसी से ... गिराना ही था तूने ( आँसू समझ के ) -२ तो नज़रों में हमको बसाया न होता अगर दिल किसी से ... मुक़द्दर में गर यही ( रुसवाइयाँ थीं) -२ तो महफ़िल में तेरी मैं आया न होता अगर दिल किसी से ... अगर तेरे दामन की ( हसरत न होती ) -२ तो यूँ ज़िन्दगी को मिटाया न होता अगर दिल किसी से ... ९९९९९९९ अगर दिल किसी से लगाया न होता ज़माने ने हमको मिटाया न होता गिराना ही था तूने आँसू समझ के तो नज़रों में हमको बसाया न होता मुक़द्दर में ग़र यही रुसवाइयाँ थीं तो महफ़िल में तेरी मैं आया न होता अगर तेरे दामन की हसरत न होती तो यूँ ज़िन्दगी को मिटाया न होता अगर दिल किसी से ... अगर दिलबर की रुस्वाई हमें मंज़ूर हो जाये Film: Khilauna (1970) Music: Laxmikant-Pyarelal Lyrics: Anand Bakshi Singer (s): lata Starring: Sanjeev Kumar, Mumtaz http://www.youtube.com/watch?v=mYFOoiPUNOI --film अगर दिलबर की रुस्वाई हमें मंज़ूर हो जाये (सनम तू बेवफ़ा के नाम से मशहूर हो जाये) - २ अगर दिल्बर की ... हो जाये सनम ... हो जाये (हमें फ़ुर्सत नहीं मिलती) - २ कभी आँसू बहाने से (कई ग़म पास आ बैठे) -२ (तेरे एक दूर जाने से) - २ (अगर तू पास आ जाये तो हर ग़म दूर हो जाये) - २ सनम तू ... हो जाये (वफ़ा का वास्ता देकर) - २ मोहब्बत आज रोती है (न ऐसे खेल इस दिल से) - २ (ये नज़ुक चीज़ होती है) - २ (ज़रा सी ठेस लग जाये तो शीशा चूर हो जाये) -२ सनम तू ... हो जाये (तेरे रंगीन होंठों को) - २ कमल कहने से डरते हैं (तेरी इस बेरुख़ी पे हम) - २ (ग़ज़ल कहने से डरते हैं) - २ (कहीं ऐसा न हो तू और भी मग़रूर हो जाये) - २ अगर दिल्बर ….हो जाये सनम तू ... हो जाये ९९९९९९९९९९९९ अगर दिलबर की रुस्वाई हमें मंज़ूर हो जाये सनम तू बेवफ़ा के नाम से मशहूर हो जाये हमें फ़ुर्सत नहीं मिलती कभी आँसू बहाने से कई ग़म पास आ बैठे तेरे एक दूर जाने से अगर तू पास आ जाये तो हर ग़म दूर हो जाये सनम तू ... हो जाये वफ़ा का वास्ता देकर मोहब्बत आज रोती है न ऐसे खेल इस दिल से ये नज़ुक चीज़ होती है ज़रा सी ठेस लग जाये तो शीशा चूर हो जाये सनम तू ... हो जाये तेरे रंगीन होंठों को कमल कहने से डरते हैं तेरी इस बेरुख़ी पे हम ग़ज़ल कहने से डरते हैं कहीं ऐसा न हो तू और भी मग़रूर हो जाये अगर दिल्बर ….हो जाये सनम तू ... हो जाये अगर बेवफ़ा तुमको पहचान जाते-- Film: Raat Ke Andhere Me (1969) Music: Prem Dhawan Lyrics: Prem Dhawan Singer (s): Rafi/Lata Starring: Dev Kumar, Sonia Sahni http://www.youtube.com/watch?v=-FLnFnt06_8&feature=related --फ़िल्म रफ़ी-वर्ज़न अगर बेवफ़ा, तुमको पहचान जाते ख़ुदा की क़सम हम मुहब्बत न करते जो मालूम होता, ये इलज़ाम-ए-उलफ़त तो दिल को लगाने की ज़ुर्रत न करते जिन्हें तुमने समझा मेरी बेवफ़ाई मेरी ज़िन्दगी की वो मजबूरियाँ थीं हमारी मुहब्बत इक इम्तिहां थी ये दो दिन की थोड़ी सी जो दूरियाँ थीं अगर सच्ची होती मुहब्बत हमारी तो घबरा के तुम यूँ शिकायत न करते जो हम पर है गुज़री हमीं जानते हैं सितम कौन सा है नहीं जो उठाया निगाहों में फिर भी रही तेरी सूरत हर एक सांस में तेरा पैगाम आया अगर जानते तुम ही इलज़ाम दोगे तो भूले से भी हम तो उलफ़त न करते ०००००००००० अगर बेवफ़ा तुम को पहचान जाते, खुदा की कसम हम मोहब्बत न करते जो मालूम होता ये इलज़ाम दोगे, तो दिल को लगाने की ज़ुर्रत न करते जिन्हें तुम ने समझा मेरी बेवफ़ाई मेरी ज़िन्दगी की वो मज़बूरियां थीं हमारी मोहब्बत इक इम्तिहां थी ये दो दिन की थोड़ी सी जो दूरियां थीं अगर सच्ची होती मोहब्बत हमारी तो घबरा के तुम यूं शिकायत न करते अगर बेवफ़ा तुम को पहचान जाते, खुदा की कसम हम मोहब्बत न करते जो हम पे है गुज़री हमीं जानते हैं सितम कौन सा है नहीं जो उठाया निगाहों में फिर भी रही तेरी सूरत हर इक सांस में तेरा पैगाम आया अगर जानते तुम ही इलज़ाम दोगे तो भूले से भी हम तो उल्फ़त न करते अगर बेवफ़ा तुम को पहचान जाते, खुदा की कसम हम मोहब्बत न करते लता वर्ज़न— अगर बेवफा तुझको पहचान जाते ,खुदा की कसम हम मोहब्बत ना करते जो मालूम होता ये अंज़ामे उलफत तो दिल को लगाने की जुररत ना करते. जिसे फूल समझा वही खार निकला,तेरी तरह झूठा तेरा प्यार निकला, जो उठ जाते पहले ही आँखों से पर्दे भूल से भी हम तो उलफत ना करते . मेरा दिल था शीशा हुआ चूर ऐसा, की अब लाख जोड़ो तो जुड़ ना सकेगा , तू पत्थर का बुत है पता गर होता तो दिल टूटने की शिकायत ना करते.. अच्छा तो हम चलते हैं Film: Aan Milo Sajna (1970) Music: Laxmikant-Pyarelal Lyrics: Anand Bakshi Singer (s): Lata, Kishore Starring: Rajesh Khanna, Asha Parekh http://www.youtube.com/watch?v=CUhRZOUoQ0Q --film अच्छा तो हम चलते हैं फिर कब मिलोगे जब तुम कहोगे जुम्मे रात को हाँ हाँ आधी रात को कहाँ? वहीं जहाँ कोई आता जाता नहीं अच्छा तो हम चलते हैं ... किसी ने देखा तो नहीं तुम्हें आते नहीं मैं आयी हूँ छुपके छुपाके देर कर दी बड़ी ज़रा देखो तो घड़ी उफ़्फ़ ओ, मेरी तो घड़ी बन्द है तेरी ये अदा मुझे पसन्द है देखो बाते वातें कर लो जल्दी जल्दी फिर न कहना अभी आयी अभी चल दी तो आओ पास बैठें पल दो पल आज नहीं कल ये तो इक बहाना है वापस घर भी जाना है कितनि जल्दी ये दिन ढलते हैं हाय! टाटा ... अच्छा तो हम चलते हैं फिर कब मिलोगे जब तुम कहोगे कल मिलो या परसों परसों नहीं, नरसों कहाँ? यहीं यहाँ कोई आता जाता नहीं अच्छा तो हम चलते हैं ... उड़ा है किस लिये तेरा रंग गोरी हमारी पकड़ी गयी है बस चोरी - अच्छा? राम जाने क्या हो अब कैसे हुआ ये ग़ज़ब मेरा आँचल जो ज़रा ढल गया सारी दुनिया को पता चल गया कैसे खेलेंगे अब आँख मिचोलि लेजा आके मेरे घर से मेरी डोली तेरे घर वाले न कर दे इंकार सब हैं तैय्यार, सब हैं तैय्यार सुन ले फिर दिल की फ़रियाद बस बाक़ी शादी के बाद पिया देखो, दिये जलते हैं अच्छा ... अच्छा तो हम चलते हैं ... अजनबी तुम जाने पह्चाने से..... Film: Ham Sab Ustad Hain (1965) Music: Laxmikant-Pyarelal Lyrics: Asad Bhopali Singer (s): Kishore / Lata Starring: Kishore http://www.youtube.com/watch?v=Ujs24HPx8Fc --film अजनबी तुम जाने पेह्चाने से..... अजनबी तुम जाने पेह्चाने से लगते हो -२ ये बडी अजीब सी बात है ये नयी नयी मुलाक़ात है फिर भी जाने क्यों अजनबी तुम जाने पेहचाने से लगते हो तुमने कभी प्यार किया था किसी राही से -२ तुमने कभी वादा किया था किसी साथी से न वो प्यार रहा, न वो बात रही फिर भी जाने क्यों अजनबी तुम जाने पेहचाने से लगते हो अजनबी दिल में रहें और हमारा दिल तोड दिया -२ साथ चले, मोड पे आके हमें छोड दिया तुम हो कहीं, और हम कहीं फिर भी जाने क्यों अजनबी तुम जाने पेहचाने से लगते हो ये बदि अजीब सी बात है ये नयी नयी मुलाक़ात है फिर भी जाने क्यों अजनबी तुम जाने पेहचाने से लगते हो अजनबी.. अजी रूठ कर अब कहाँ जाइएगा Film: Aarzoo , 1965 Music: Shankar-Jaikishan Lyrics: Hasrat Singer (s): Lata, Rafi Leading Cast : Rajendra Kumar, Sadhna, Feroz Khan, Mahmood, Nazima, Nazir Hussain, Achla Sachdev, Dhumal Director : Ramanand Sagar http://www.youtube.com/watch?v=Wj7k41yJ2HM --film http://smas***s.com/music/oldies/play/songs/7729/Arzoo/71247/AJI-ROOTH-KAR-AB-KAHAN-JAIYEGA.html लता : अजी रूठ कर अब कहाँ जाइयेगा (रफ़ी: अजी हमसे बचकर कहाँ जाइयेगा) जहाँ जाइयेगा हमें पाइयेगा निगाहों में छुपकर दिखाओ तो जानें ख़यालों में भी तुम न आओ तो जानें अजी लाख परदे में छुप जाइयेगा नज़र आइयेगा नज़र आइयेगा जो दिल में हैं होठों पे लाना भी मुश्किल मगर उसको दिल में छुपाना भी मुश्किल नज़र की ज़ुबाँ को समझ जाइयेगा समझ कर ज़रा गौर फ़रमाइयेगा ये कैसा नशा हैं ये कैसा असर हैं न काबू में दिल हैं न बस में जिगर हैं ज़रा होश आ ले फिर जाइयेगा ठहर जाइयेगा ठहर जाइयेगा अजीब दास्ताँ हैं ये, कहाँ शुरू कहाँ ख़तम Film: Dil Apana Aur Preet Parayee (1959) Music: Shankar-Jaikishan Lyrics: Shailendra Singer (s): Lata Starring: Meena Kumar, Nadira, Helen, Raj Kumar फ़िल्म - दिल अपना और प्रीत पराई, गायिका - लता मंगेशकर, संगीत - शंकर-जयकिशन, गीत - शैलेन्द्र http://www.youtube.com/watch?v=ExtmbhA5DSI --film http://www.radioreloaded.com/tracks/?13162 अजीब दास्तां है ये कहाँ शुरू कहाँ खतम ये मंज़िलें है कौन सी न वो समझ सके न हम ये रोशनी के साथ क्यों धुआँ उठा चिराग से ये ख़्वाब देखती हूँ मैं के जग पड़ी हूँ ख़्वाब से मुबारकें तुम्हें के तुम किसीके नूर हो गए किसीके इतने पास हो के सबसे दूर हो गए किसीका प्यार लेके तुम नया जहाँ बसाओगे ये शाम जब भी आएगी तुम हमको याद आओगे अजीब दास्तां... अपनी आज़ादी को हम हरगिज़ मिटा सकते नहीं Film: Leader (1964) Music: Naushad Lyrics: Shakeel Singer (s): Rafi Starring: Dilip Kumar, Vyjayanthi Mala http://www.youtube.com/watch?v=gEjuspVp5BQ --film अपनी आज़ादी को हम हरगिज़ मिटा सकते नहीं सर कटा सकते हैं लेकिन सर झुका सकते नहीं हमने सदियों में ये आज़ादी की नेमत पाई है सैकड़ों क़ुरबानियाँ देकर ये दौलत पाई है मुस्कराकर खाई हैं सीनों पे अपने गोलियाँ कितने वीरानों से गुज़रे हैं तो जन्नत पाई है ख़ाक में हम अपनी इज़्ज़त को मिला सकते नहीं क्या चलेगी ज़ुल्म की अहले वफ़ा के सामने जा नहीं सकता कोई शोला हवा के सामने लाख फ़ौजें ले के आई अमन का दुश्मन कोई रुक नहीं सकता हमारी एकता के सामने हम वो पत्थर हैं जिसे दुश्मन हिला सकते नहीं वक़्त की आज़ादी के हम साथ चलते जाएंगे हर क़दम पर ज़िंदगी का रुख़ बदलते जाएंगे गर वतन में भी मिलेगा कोई गद्दार-ए-वतन अपनी ताक़त से हम उसका सर कुचलते जाएंगे एक धोखा खा चुके हैं और खा सकते नहीं अपनी उल्फ़त पे ज़माने का न पहरा होता Film: Sasural (1961) Music: Shankar-Jaikishan Lyrics: Shailendra Singer (s): Rafi, Lata Starring: Rajendra Kumar, B Saroja Devi, Mehmood, Lalita Pawar http://www.youtube.com/watch?v=6rSK_fSgTSQ मु : अपनी उल्फ़त पे ज़माने का न पहरा होता तो कितना अच्छा होता -२ ल : प्यार की रात का कोई न सवेरा होता तो कितना अच्छा होता -२ मु : अपनी उल्फ़त पे ... पास आकर भी बहुत दूर बहुत दूर रहे एक बन्धन में बँधे फिर भी तो मजबूर रहे मेरी राहों में न उलझन का अँधेरा होता तो कितना अच्छा होता -२ ल : दिल मिले आँख मिली प्यार न मिलने पाए बाग़बाँ कहता है दो फूल न खिलने पाएँ अपनी मंज़िल को जो काँटों ने न घेरा होता तो कितना अच्छा होता -२ मु : अजब सुलगती हुई लकड़ियाँ हैं जग वाले ल : मिलें तो आग उगल दें कटें तो धुआँ करें दो : अपनी दुनिया में भी सुख चैन का फेरा होता तो कितना अच्छा होता -२ अपनी उल्फ़त पे ... ९९९९९९९९९९९ अपनी उल्फ़त पे ज़माने का न पहरा होता तो कितना अच्छा होता प्यार की रात का कोई न सवेरा होता तो कितना अच्छा होता पास आकर भी बहुत दूर बहुत दूर रहे, एक बन्धन में बँधे फिर भी तो मजबूर रहे मेरी राहों में न उलझन का अँधेरा होता, तो कितना अच्छा होता दिल मिले आँख मिली प्यार न मिलने पाए, बाग़बाँ कहता है दो फूल न खिलने पाएँ अपनी मंज़िल को जो काँटों ने न घेरा होता, तो कितना अच्छा होता अजब सुलगती हुई लकड़ियाँ हैं जग वाले, मिलें तो आग उगल दें कटें तो धुआँ करें अपनी दुनिया में भी सुख चैन का फेरा होता तो कितना अच्छा होता अपनी उल्फ़त पे ... अपनी तो हर आह इक तूफ़ान है Film: Kaala Bazaar (1960) Music: S D Burman Lyrics: Shailendra Singer (s): Rafi Starring: Dev Anand, Wahiida Rehman http://www.youtube.com/watch?v=0KOYCgXLn3g&feature=PlayList&p=8DF3AC7BA529D4C0&p... अपनी तो हर आह इक तूफ़ान है क्या करे वो जान कर अंजान है - ऊपर वाल जान कर अंजान है अपनी तो हर आह इक तूफ़ान है ऊपर वाल जानकर अंजान है अपनी तो हर आह इक तूफ़ान है अब तो हँसके अपनी भी क़िस्मत को चमका दे कानों में कुछ कह दे जो इस दिल को बहला दे ये भी मुशकिल है तो क्या आसान है ऊपर वाल जान कर अन्जान है ... सर पे मेरे तू जो अपना हाथ ही रख दे फिर तो भटके राही को मिल जायेंगे रस्ते दिल की बस्ती बिन तेरे वीरान है ऊपर वाल जानकर अन्जान है ... दिल ही तो है इस ने शायद भूल भी की है ज़िंदगी है भूल कर ही राह मिलती है माफ़ कर बन्दा भी इक इन्सान है ऊपर वाल जान कर अंजान है अपनी तो हर आह इक तूफ़ान है अपने में सब कुछ भर कैसे व्यक्ति विकास करेगा, --प्रसाद, कामायनी अपने में सब कुछ भर कैसे व्यक्ति विकास करेगा, यह एकांत स्वार्थ भीषण है अपना नाश करेगा। औरों को हँसता देखो मनु-हँसो और सुख पाओ, अपने सुख को विस्तृत कर लो सब को सुखी बनाओ। निर्ज़न में क्या एक अकेले तुम्हें प्रमोद मिलेगा? नहीं इसी से अन्य हृदय का कोई सुमन खिलेगा। सुख समीर पाकर, चाहे हो वह एकांत तुम्हारा बढ़ती है सीमा संसृति की बन मानवता-धारा।" अफ़साना लिख रही हूँ गाना / Title: अफ़सान लिख रही हूँ चित्रपट / Film: Dard, १९४७ संगीतकार / Music Director: नौशाद अली-(Naushad) गीतकार / Lyricist: Shakeel गायक / Singer(s): Uma Devi http://podcast.hindyugm.com/2010/05/blog-post_10.html?utm_source=feedburner&utm_... http://podcast.hindyugm.com/2010/02/blog-post.html?utm_source=feedburner&utm_med... अफ़साना लिख रही हूँ (२) दिल-ए-बेक़रार का आँखोँ में रंग भर के तेरे इंतज़ार का अफ़साना लिख रही हूँ जब तू नहीं तो कुछ भी नहीं है बहार में नहीं है बहार में जी चाहता है मूँह भी जी चाहता है मूँह भी न देखूँ बहार का आँखोँ में रन्ग भर के तेरे इंतज़ार का अफ़साना लिख रही हूँ हासिल हैं यूँ तो मुझको ज़माने की दौलतें ज़माने की दौलतें लेकिन नसीब लाई लेकिन नसीब लाई हूँ इक सोग़वार का आँखोँ में रन्ग भर के तेरे इंतज़ार का अफ़साना लिख रही हूँ आजा कि अब तो आँख में आँसू भी आ गये आँसू भी आ गये साग़र छलक उठा साग़र छलक उठा मेरे सब्र-ओ-क़रार का आँखोँ में रन्ग भर के तेरे इंतज़ार का अफ़साना लिख रही हूँ ९९९९९९९९९९९९९९ अफ़साना लिख रही हूँ दिल-ए-बेक़रार का आँखोँ में रंग भर के तेरे इंतज़ार का जब तू नहीं तो कुछ भी नहीं है बहार में जी चाहता है मूँह भी न देखूँ बहार का हासिल हैं यूँ तो मुझको ज़माने की दौलतें लेकिन नसीब लाई हूँ इक सोग़वार का आजा कि अब तो आँख में आँसू भी आ गये साग़र छलक उठा मेरे सब्र-ओ-क़रार का अब के बरस भेज भैय्या को बाबुल Film: Bandini (1963) Music: S D Burman Lyrics: Shailendra Singer (s): Lata ? आशा Starring: Ashok Kumar, Nutan http://www.youtube.com/watch?v=f8Lp2A9ErAc&feature=related --film http://podcast.hindyugm.com/2010/04/blog-post_9832.html?utm_source=feedburner&ut... अब के बरस भेज भैय्या को बाबुल सावन में लीजो बुलाय रे लौटेंगी जब मेरे बचपन की सखीयाँ देजो संदेशा भिजाय रे अब के बरस भेज भैय्या को बाबुल ... अम्बुवा तले फिर से झूले पड़ेंगे रिमझिम पड़ेंगी फुहारें लौटेंगी फिर तेरे आँगन में बाबुल सावन की ठंडी बहारें छलके नयन मोरा कसके रे जियरा बचपन की जब याद आए रे अब के बरस भेज भैय्या को बाबुल ... बैरन जवानी ने चीने खिलौने और मेरी गुड़िया चुराई बाबुल की मैं तेरे नाज़ों की पाली फिर क्यों हुई मैं पराई बीते रे जग कोई चिठिया न पाती न कोई नैहर से आये, रे अब के बरस भेज भैय्या को बाबुल ... ९९९९९९९ अब के बरस भेज भैय्या को बाबुल सावन में लीजो बुलाय रे लौटेंगी जब मेरे बचपन की सखीयाँ देजो संदेशा भिजाय रे अब के बरस भेज भैय्या को बाबुल ... अम्बुवा तले फिर से झूले पड़ेंगे रिमझिम पड़ेंगी फुहारें लौटेंगी फिर तेरे आँगन में बाबुल सावन की ठंडी बहारें छलके नयन मोरा कसके रे जियरा बचपन की जब याद आए रे अब के बरस भेज भैय्या को बाबुल ... बैरन जवानी ने छीने खिलौने और मेरी गुड़िया चुराई बाबुल जी मैं तेरे नाज़ों की पाली फिर क्यों हुई मैं पराई बीते रे जग कोई चिठिया न पाती न कोई नैहर से आये रे अब के बरस भेज भैय्या को बाबुल ... अब के हम बिछड़े तो शायद कहीं ख़्वाबों में मिलें लेखक--अहमद फ़राज़ मेहदी हसन की गाई मशहूर है http://www.youtube.com/watch?v=ct-PFLxSGvQ --stills http://podcast.hindyugm.com/2009/12/ab-ke-bichde-to-shayad-sajjad-faraz.html -- गायक सज्जाद अली बोल, सज्जाद अली के गाने मे, जैसा सुना— अब के हम बिछड़ें तो शायद कहीं ख़्वाबों में मिलें जिस तरह सूखे हुए फूल किताबों में मिलें तू ख़ुदा है न मेरा इश्क़ फ़रिश्तों जैसा दोनों इन्सां हैं तो क्यों इतने हिजाबों में मिलें ढूँढ उजड़े हुए लोगों में वफ़ा के मोती ये ख़ज़ाने तुझे मुमकिन है ख़राबों में मिलें (हिजाब: परदा, ख़राबा: मरुमारीचिका, माज़ी: बीता हुआ समय) ०००००००००० पूरे बोल ग़ज़ल के— अब के हम बिछड़ें तो शायद कहीं ख़्वाबों में मिलें जिस तरह सूखे हुए फूल किताबों में मिलें ढूँढ उजड़े हुए लोगों में वफ़ा के मोती ये ख़ज़ाने तुझे मुमकिन है ख़राबों में मिलें तू ख़ुदा है न मेरा इश्क़ फ़रिश्तों जैसा दोनों इन्सां हैं तो क्यों इतने हिजाबों में मिलें ग़म-ए-दुनिया भी ग़म-ए-यार में शामिल कर लो नश्शा बढ़ता है शराबें जो शराबों में मिलें अब न वो मैं हूं न तू है न वो माज़ी है फ़राज़ जैसे दो साये तमन्ना के सराबों में मिलें (हिजाब: परदा, ख़राबा: मरुमारीचिका, माज़ी: बीता हुआ समय) अब कोई गुलशन ना उजड़े अब वतन आज़ाद है Film: Mujhe Jeene Do (1963) Music: Jaidev Lyrics: Sahir Singer (s): Lata Starring: Sunil Dutt, Waheeda Rehman, Nirupa Roy अब कोई गुलशन ना उजड़े अब वतन आज़ाद है रूह गंगा की हिमालय का बदन आज़ाद है खेतियाँ सोना उगाएं, वादियाँ मोती लुटाएं आज गौतम की ज़मीं, तुलसी का बन आज़ाद है मंदिरों में शंख बाजे, मस्जिदों में हो अज़ां शेख का धर्म और दीन-ए-बरहमन आज़ाद है लूट कैसी भी हो अब इस देश में रहने न पाए आज सबके वास्ते धरती का धन आज़ाद है अब क्या मिसाल दूँ मैं तुम्हारे शबाब की Film: Aarti (1962) Music: Roshan Lyrics: Majrooh फ़िन्द Singer (s): Rafi Starring: Ashok Kumar, Meena Kumari, Pradeep Kumar http://www.youtube.com/watch?v=ad5BcGFpxog --film अब क्या मिसाल दूँ मैं तुम्हारे शबाब की इनसान बन गई है किरण माहताब की अब क्या मिसाल दूँ ... चेहरे में घुल गया है हसीं चाँदनी का नूर आँखों में है चमन की जवाँ रात का सुरूर गरदन है एक झुकी हुई डाली गुलाब की अब क्या मिसाल दूँ ... गेसू खुले तो शाम के दिल से धुआँ उठे छूले कदम तो झुक के न फिर आस्माँ उठे सौ बार झिलमिलाये शमा आफ़ताब की अब क्या मिसाल दूँ ... दीवार-ओ-दर का रंग, ये आँचल, ये पैरहन घर का मेरे चिराग़ है बूटा स ये बदन तसवीर हो तुम्हीं मेरे जन्नत के ख़्वाब की अब क्या मिसाल दूँ ... अब चार दिनों की छुट्टी है Film: Aas Ka Panchhi (1961) Music: Shankar-Jaikishan Lyrics: Hasrat Singer (s): Rafi, chorus Starring: Shashikala http://www.youtube.com/watch?v=ljYdTSTBsKc --stills ज़मीं काग़ज़ की बन जाये, समुन्दर रोशनाई का बयाँ फिर भी न होगा हमसे यह किस्सा जुदाई का अब चार दिनों की छुट्टी है और उनसे जा कर मिलना है जिस माँग ने दिल को माँग लिया उस माँग में तारे भरना है को : अब चार दिनों की छुट्टी है और उनसे जा कर मिलना है जिस माँग ने दिल को माँग लिया उस माँग में तारे भरना है दिल अपना अभी से धड़के है देखेंगे उन्हें तो क्या होगा हम होश भी अपने खो देंगे मस्ती से भरा जलवा होगा वह सामने हो फिर आये मज़ा, कुछ कहना है, कुछ सुनना है को : अब चार दिनों की छुट्टी है और उनसे जा कर मिलना है जिस माँग ने दिल को माँग लिया उस माँग में तारे भरना है वो भी तो हमारी राहों में ज़ुल्फ़ों को सँवारे आयेंगे और फूल चमेली के गजरे खुश हो के हमें पहनायेंगे अब चाँद की तरह चमकना है, सूरज की तरह से निकलना है को : अब चार दिनों की छुट्टी है और उनसे जा कर मिलना है जिस माँग ने दिल को माँग लिया उस माँग में तारे भरना है आँखों में जवाँ शिक़वे होंगे, होंठों पे हँसी लहरायेगी साग़र से मिलेगी जब नदिया तूफ़ान पे रौनक आयेगी अब बादल बनके बरसना है, मौजों की तरह से उभरना है को : अब चार दिनों की छुट्टी है और उनसे जा कर मिलना है जिस माँग ने दिल को माँग लिया उस माँग में तारे भरना है वह हमसे कहेंगे शरमाके, परदेस गये थे क्या लाये हम उनसे कहेंगे जान-ए-जहां दिल अपना बचा के ले आये अब आंख मिलाओ बात करो, हम सामने हैं क्या पर्दआ है को : अब चार दिनों की छुट्टी है और उनसे जा कर मिलना है जिस माँग ने दिल को माँग लिया उस माँग में तारे भरना है अब मेरा कौन सहारा Film: Barsaat (1949) Music: Shankar-Jaikishan Lyrics: Shailendra Singer (s): Lata, Chorus Starring: Premanth, Nimmi, Raj Kapoor, Nargis http://www.youtube.com/watch?v=suN0O6kCN4c --फ़िल्म अब मेरा कौन सहारा -४ मेरे बलम मेरे बलम मुझको ना भुलाना अब मेरा कौन सहारा -२ ( तुझसे बिछड़ कर दूर हुई मिलने से मजबूर हुई ) -२ रो-रो के दिल ने तुझको पुकारा आ आ अब मेरा कौन सहारा -२ (तुझसे मिलन की आस लगी नैना रस की प्यास लगी) - 2 मुझको है तेरा गम भी प्यारा अब मेरा कौन सहारा - 2 (पंख लगे उड जाऊँ मैं लेकिन कैसे आऊँ मैं) – 2 बेबस हुई किस्मत ने मारा अब मेरा कौन सहारा - 4 ९९९९९९९९९९९९९९९९९९ अब मेरा कौन सहारा मेरे बलम मुझको ना भुलाना अब मेरा कौन सहारा तुझसे बिछड़ कर दूर हुई मिलने से मजबूर हुई रो-रो के दिल ने तुझको पुकारा अब मेरा कौन सहारा अभी तो मैं जवान हूँ Film: non-Film? () Music: ??? Lyrics: Hafeez Jalandhari Singer (s): Mallika Pukhraj Starring: ??? http://www.youtube.com/watch?v=-A2Zntmw84o --live, mother-daughter (tahira saiyyad) http://www.youtube.com/watch?v=1SAniUNENL0&NR=1 --by Noor Jehan—Words are spoken here more clearly http://www.youtube.com/watch?v=u39MZqkcuQo&NR=1 --live by tahira saiyyad—best audio quality of the above अभी तो मैं जवान हूँ (3) हवा भी ख़ुशगवार है, गुलों पे भी निखार है तरन्नुमें हज़ार हैं, बहार पुरबहार है कहाँ चला है साक़िया, इधर तो लौट इधर तो आ अरे, यह देखता है क्या? उठा सुबू, सुबू उठा सुबू उठा, पयाला भर पयाला भर के दे इधर चमन की सिम्त कर नज़र, समा तो देख बेख़बर वो काली-काली बदलियाँ , उफ़क़ पे हो गई अयाँ वो इक हजूम-ए-मैकशाँ, है सू-ए-मैकदा रवाँ ये क्या गुमाँ है बदगुमाँ, समझ न मुझको नातवाँ ख़याल-ए-ज़ोह्द अभी कहाँ? अभी तो मैं जवान हूँ (3) इबादतों का ज़िक्र है, निजात की भी फ़िक्र है जनून है सबाब का, ख़याल है अज़ाब का मगर सुनो तो शेख़ जी, अजीब शय हैं आप भी भला शबाब-ओ-आशिक़ी, अलग हुए भी हैं कभी हसीन जलवारेज़ हो, अदाएं फ़ितनाख़ेज़ हो हवाएं इत्रबेज़ हों, तो शौक़ क्यूँ न तेज़ हो? निगारहा-ए-फ़ितनागर , कोई इधर कोई उधर उभारते हो ऐश पर, तो क्या करे कोई बशर चलो जी क़िस्सा मुख़्तसर, तुम्हारा नुक़्ता-ए-नज़र दरुस्त है तो हो मगर, अभी तो मैं जवान हूँ (3) न ग़म कशोद-ओ-बस्त का, बुलंद का न पस्त का न बूद का न हस्त का, न वादा-ए-अलस्त का (2) उम्मीद और यास गुम, हवास गुम क़यास गुम नज़र से आस-पास गुम, हमां बजुज़ गिलास गुम न मय में कुछ कमी रहे, कदा से हमदमी रहे निशस्त ये जमी रहे, यही हमा-हमीं रहे वो राग छेड़ मुतरिबा (2), तरवफ़िज़ा आलमरुबा असर सदा-ए-साज़ का, जिग़र में आग दे लगा (3) हर इक लब पे हो सदा, न हाथ रोक साक़िया पिलाए जा पिलाए जा, पिलाए जा पिलाए जा अभी तो मैं जवान हूँ (3) ये ग़श्त कोहसार की, ये सैर जू-ए-वार की ये बुलबुलों के चहचहे, ये गुलरुख़ों के क़हक़हे किसी से मेल हो गया, तो रंज-ओ-फ़िक्र खो गया कभी जो वक़्त सो गया, ये हँस गया वो रो गया ये इश्क़ की कहानियाँ, ये रस भरी जवानियाँ उधर से महरबानियाँ, इधर से लन्तरानियाँ ये आस्मान ये ज़मीं (2), नज़्ज़राहा-ए-दिलनशीं उने हयात आफ़रीं, भला मैं छोड़ दूँ यहीं है मौत इस क़दर बरीं, मुझे न आएगा यक़ीं नहीं-नहीं अभी नहीं, नहीं-नहीं अभी नहीं अभी तो मैं जवान हूँ (3) मलिका पुखराज का अति संक्षिप्त जीवनवृत्त (मुख्य स्रोत: विकीपीडिया) मलिका पुखराज का जन्म १९१२ में जम्मू के निकट हुआ। आठ वर्ष की आयु में ही वह जम्मू के राजा हरि सिंह के दरबार में सम्मिलित हो गयीं। संगीत शिक्षा उन्होनें उस्ताद अल्लाह बख़्श (बड़े गुलाम अली ख़ान के पिता) से ली। उनका विवाह लाहौर में सईद शब्बीर हुसैन शाह से हुआ और उन्होंने चार बेटों और दो बेटियों को जन्म दिया। उनकी एक बेटी ताहिरा सईद भी एक सुप्रसिद्ध गायिका के रूप में सामने आयीं। आठ दशकों तक अपनी ठुमरी, ग़ज़ल, भजन और पहाड़ी लोकगीतों से सबके दिलों पर राज करने के बाद २००४ में लम्बी बीमारी के बाद उनका निधन हो गया। अभी न जाओ छोड़ कर To listen-- http://hindi.cri.cn/121/more/3508/ZTmore3508_2.htm अभी न जाओ छोड़ कर के दिल अभी भरा नहीं फ़िल्म: हम दोनो, 1961 --साहिर आवाज़: रफ़ी-आशा संगीत: जयदेव http://www.youtube.com/watch?v=cbK8KW-1D34 --film http://podcast.hindyugm.com/2010/04/blog-post_28.html?utm_source=feedburner&utm_... रफ़ी: अभी न जाओ छोड़ कर के दिल अभी भरा नहीं - २ अभी अभी तो आई हो - अभी अभी तो अभी अभी तो आई हो, बहार बनके छाई हो हवा ज़रा महक तो ले, नज़र ज़रा बहक तो ले ये शाम ढल तो ले ज़रा ये शाम ढल तो ले ज़रा, ये दिल सम्भल तो ले ज़रा मैं थोड़ी देर जी तो लूँ, नशे के घूँट पी तो लूँ नशे के घूँट पी तो लूँ अभी तो कुछ कहा नहीं, अभी तो कुछ सुना नहीं अभी न जाओ छोड़कर के दिल अभी भरा नहीं आशा: सितारे झिलमिला उठे सितारे झिलमिला उठे, चराग़ जगमगा उठे बस अब न मुझको टोकना बस अब न मुझको टोकना, न बढ़के राह रोकना अगर मैं रुक गई अभी तो जा न पाऊँगी कभी यही कहोगे तुम सदा, के दिल अभी नहीं भरा जो ख़त्म हो किसी जगह ये ऐसा सिलसिला नहीं र: अभी नहीं अभी नहीं आ: नहीं नहीं नहीं नहीं र: अभी न जाओ छोड़कर, के दिल अभी भरा नहीं अधूरी आस अधूरी आस छोड़के, अधूरी प्यास छोड़के जो रोज़ यूँही जाओगी, तो किस तरह निभाओगी कि ज़िंदगी की राह में, जवाँ दिलों की चाह में कई मुक़ाम आएँगे जो हम को आज़माएँगे बुरा न मानो बात का ये प्यार है गिला नहीं आ: हाँ, यही कहोगे तुम सदा के दिल अभी नहीं भरा र: हाँ, दिल अभी भरा नहीं आ: नहीं नहीं नहीं नहीं ९९९९९९९९९९९९९९ अभी न जाओ छोड़ कर के दिल अभी भरा नहीं अभी अभी तो आई हो बहार बनके छाई हो हवा ज़रा महक तो ले, नज़र ज़रा बहक तो ले ये शाम ढल तो ले ज़रा ये दिल सम्भल तो ले ज़रा मैं थोड़ी देर जी तो लूँ, नशे के घूँट पी तो लूँ अभी तो कुछ कहा नहीं, अभी तो कुछ सुना नहीं अभी न जाओ छोड़कर के दिल अभी भरा नहीं आशा: सितारे झिलमिला उठे चराग़ जगमगा उठे बस अब न मुझको टोकना न बढ़के राह रोकना अगर मैं रुक गई अभी तो जा न पाऊँगी कभी यही कहोगे तुम सदा, के दिल अभी नहीं भरा जो ख़त्म हो किसी जगह ये ऐसा सिलसिला नहीं रफ़ी-- अधूरी आस छोड़के, अधूरी प्यास छोड़के जो रोज़ यूँ ही जाओगी, तो किस तरह निभाओगी कि ज़िंदगी की राह में, जवाँ दिलों की चाह में कई मुक़ाम आएँगे जो हम को आज़माएँगे बुरा न मानो बात का ये प्यार है गिला नहीं आ: हाँ, यही कहोगे तुम सदा के दिल अभी नहीं भरा |