जब दिल तो तुम्हे तोडना ही था...
तोह क्या इलज़ाम लगाये...
कतरा कतरा इसे जो जोड़ा था...
अब फिर से बिखर जाए...
कुछ बातें कल के लिए छोडो..
आज बातों मैं कुछ बात नहीं..
आज यह मन विचिलित हैं..
यह मुलाकात की जोह रात नहीं ...
तारें गिनकर रात काटें..
आज तारों की बरसात हैं..
आज यह मन को फिर बहलाया..
क्यूंकि कल भी तोह एक रात हैं...
पहचान तो सिर्फ तुमसे ही होती...
अगर यह मंजिल कोई और राह पर न सोयी होती...
बातें जीत हार के लिए नहीं की जाती...
जिस दिन तुम्हे लगे तुम्हे जीतना हो...
सौ हार मंज़ूर होगी..
बातों का क्या हैं..
तुमसे यह बातें हज़ार बार होगी..
All Writing.Com images are copyrighted and may not be copied / modified in any way. All other brand names & trademarks are owned by their respective companies.
Generated in 0.06 seconds at 7:20pm on Nov 21, 2024 via server WEBX1.